roses

roses

Monday 3 July 2017

कौन करे ?

बेवजह बरसती बूंदों का हिसाब कौन करे !!
ये परम्पराएं हैं ,इन्हे बदलने का रिवाज कौन करे !!
गहरे है कुछ मुद्दे ,इनको खुशी के अल्फाज कौन करे!!
नहीं मिलती है गरीबों को सहूलतें ......
आसमान तोड़ कर छत बनाने का आगाज कौन करे!!
दिल मायूस होता है तेरी पलकें नम देखकर
मिटा कर पूरा हादसा अब ,नई शुरुआत कौन करे !!