हाँ , मै प्रारंभ में सीधी और सरल थी
'आपने' मेरी सरलता का गलत उपयोग किया
शब्दों के जोर पर सहमने वाली मै'' चालाक और चतुर हो'' गयी
आपका तो पता नहीं पर खुद को छलने लगी
खुद को ठगे जाने के दर्द ने मुझे ''भाबुक'' बना दिया
फिर आपने मेरी भावनाओं से हर पल खेला
मेरी भावनाएं फिर मरती गयी
मैंने भावानाओं को ''व्यभारिकता '' का आवरण दे दिया
फिर आपने शब्दों के बरछे से आवरण छलली कर दी
मै फिर अव्यवस्थित हो गयी
पर आज मै चट्टान हूँ
यहाँ प्रहारों का कोई अर्थ नहीं
एक सर्द चट्टान हूँ
आपके शब्द भी मुझे तोड़ नहीं सकते
नोट - यहाँ ''आप '' समाज है
'आपने' मेरी सरलता का गलत उपयोग किया
शब्दों के जोर पर सहमने वाली मै'' चालाक और चतुर हो'' गयी
आपका तो पता नहीं पर खुद को छलने लगी
खुद को ठगे जाने के दर्द ने मुझे ''भाबुक'' बना दिया
फिर आपने मेरी भावनाओं से हर पल खेला
मेरी भावनाएं फिर मरती गयी
मैंने भावानाओं को ''व्यभारिकता '' का आवरण दे दिया
फिर आपने शब्दों के बरछे से आवरण छलली कर दी
मै फिर अव्यवस्थित हो गयी
पर आज मै चट्टान हूँ
यहाँ प्रहारों का कोई अर्थ नहीं
एक सर्द चट्टान हूँ
आपके शब्द भी मुझे तोड़ नहीं सकते
नोट - यहाँ ''आप '' समाज है